[BEST HINDI POEM] गुम है आज एक चादर में कहीं LOVE POETRY IN HINDI
हेलो दोस्तों ,
ये कविता मेरे एक दोस्त के द्वारा लिखी गई है अगर पसंद आये तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी।
और मेरे इस website पे आपको इसी तरह का और भी बहुत सारी कवितायेँ मिलती रहें गई।
गुम है आज एक चादर में कहीं
किससे बायाँ करूं कोई है हमारे नहीं
जिंदगी है बिखरी हमसे संभलता नहीं
गुम है आज एक खामोश जिंदगी कहीं
आज मुकम्मल हम अकेले हैं नहीं
अंधेरे में गिरी परछाई भी पास नहीं
जागे हुए रात में है हम कहीं
गुम है आज हम अपने घर के कमरे में कहीं
अब थक चुके बस आंखें नहीं
वही क्यों बस यह सवाल है कहीं
बस टूट हम उससे मिलते नहीं
गुम है उसी मोड़ पर समेटने आएंगे नहीं।
THANK YOU
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